Monday, July 28, 2014

  भिलाई की बेटी बनी दूरदर्शन की डीजी


सेक्टर-5 में हुई है पढ़ाई, पिता भिलाई स्टील प्रोजेक्ट के शुरूआती दौर के इंजीनियर



भिलाई में पली-बढ़ी विजयलक्ष्मी छाबड़ा दूरदर्शन की महानिदेशक (डीजी) बन गई हैं। दूरदर्शन के मौजूदा डीजी त्रिपुरारी शरण इस महीने 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद एक अगस्त से विजयलक्ष्मी छाबड़ा नई डीजी का कायर्भार संभालेंगी। उनकी नई नियुक्ति की औपचारिक घोषणा 25 जुलाई को कर दी गई है। वतर्मान में वह प्रसार भारती में अतिरिक्त महानिदेशक (कार्यक्रम) के पद पर कार्यरत हैं।
भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) की 1980 बैच की अफसर श्रीमती छाबड़ा के अलावा इस पद के लिए आईबीएस व आईएएस कैडर के 9 अफसर दावेदार थे। केंद्र सरकार ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। श्रीमती छाबड़ा मूलत: भिलाई की हैं। उनके पिता बीरा किशोर कानूनगो 1958 में उड़ीसा से भिलाई आए थे और यहां उन्होंने कंस्ट्रक्शन में बतौर इंजीनियर अपनी सेवा की शुरूआत की। परिवार में सबसे बड़ी विजयलक्ष्मी के दो भाई हैं। जिनमें एक विश्व रंजन कानूनगो दुर्गापुर स्टील प्लांट में डीजीएम लाइजनिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन और दूसरे भाई विश्वरंजन कानूनगो भिलाई स्टील प्लांट में डीजीएम मटेरियल मैनेजमेंट हैं। वहीं छोटी बहन विधुरिता पटनायक मुंबई में टाइम्स ऑफ़  इंडिया में जॉब कर चुकी हैं। श्रीमती छाबड़ा के डीजी बनने की खबर से परिवार में खुशियों का माहौल है।
 सेक्टर-5 में स्ट्रीट-42, क्वार्टर-1 ए में रह रहे उनके भाई विश्वरंजन ने बताया कि इसी मकान में पूरा परिवार 1958 से रह रहा है। यहीं रहते हुए सभी भाई-बहनों की एजुकेशन हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों बहने बीएसपी के हिंदी माध्यम स्कूल सेक्टर-5 में प्राइमरी के बाद कन्या शाला सेक्टर-5 से पढ़ी हैं। यहां से उनकी बहन विजयलक्ष्मी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी इंद्रप्रस्थ कॉलेज में दाखिला लिया और वहां बीए आनर्स के बाद अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय में एम ए किया और इसके बाद 1980 में वह भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) के लिए चुन ली गई। तब से आज तक वह आकाशवाणी-दूरदर्शन में विभिन्न पदों पर रहीं है। 
अपने सेवाकाल में उन्हें 1995 में कॉमनवेल्थ फैलोशिप के तहत लंदन में रह कर कमर्शियल ब्राडकास्टिंग सीखने का मौका मिला। विश्वरंजन ने बताया कि दूरदर्शन-आकाशवाणी में सेवा देते हुए उनकी बहन ने भिलाई को कभी नहीं भूला । आज भी हर साल वह माता-पिता और परिजनों  से मिलने जरूर आती हैं। जब भी मौका मिलता है तो वह पूरे परिवार के साथ फोन पर बात जरूर करती हैं।

मैं आज भी भिलाइयन ही हूं: छाबड़ा

दूरदर्शन की नई डीजी बनीं विजयलक्ष्मी छाबड़ा ने चर्चा करते हुए कहा कि वह आज भी अपने आप को भिलाइयन ही मानती हैं।  उन्होंने कहा कि सेक्टर-5 का स्कूल, घर, सिविक सेंटर और उस दौर की बहुत सारी यादें हैं, जिसे मैं भिलाई के बाहर रहते हुए बहुत ज्यादा मिस करती हूं। इसलिए जब भी मौका मिलता है, मैं तुरंत भिलाई चली आती हूं। भिलाई की युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी भाई-बहनों की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई है। फिर माता-पिता का मार्गदर्शन भी साथ था और हम लोगों ने अपना लक्ष्य पहले से तय रखा था,इसलिए सफलता मिली। उन्होंने कहा कि भिलाई की मेधाशक्ति का आज भी कोई जवाब नहीं है। दुनिया के कई देशों में आज भी भिलाई के लोग मिल जाते हैं तो बेहद खुशी होती है।

परिवार में दूसरी डीजी

विजयलक्ष्मी छाबड़ा अपने परिवार में दूसरी डायरेक्टर जनरल (डीजी) हैं। उनकी छोटी बहन विधुरिता पटनायक के पति अरूप पटनायक (आईपीएस) वतर्मान में महाराष्ट्र पुलिस में डीजीपी हैं। श्री पटनायक मुंबई पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं। विजयलक्ष्मी के पति मनोज छाबड़ा पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट हैं और एक निजी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

माता-पिता ने कहा-हमारा सपना पूरा किया बेटी ने


पिता बीरा किशोर कानूनगो और मां वीणा पाणि कानूनगो अपनी बेटी विजयलक्ष्मी छाबड़ा के डीजी बनने से बेहद खुश हैं। अपने हुडको स्थित निवास में चर्चा करते हुए पिता श्री कानूनगो ने बताया कि वह शुरु से ही बेहद प्रतिभावान थी।
स्कूल में हमेशा अव्वल आती थी, इसलिए जैसे ही स्कूली पढ़ाई खत्म हुई हमनें आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजने का फैसला लिया। जिसके वह पूरी तरह तैयार थी। मां श्रीमती कानूनगो ने बताया कि सिर्फ छोटे बेटे की उच्च शिक्षा रायपुर में हुई बाकी सभी बच्चे दिल्ली में ही पढ़े हैं।
कानूनगो दंपति ने बताया कि 25 जुलाई को सबसे पहले खुद विजयलक्ष्मी ने ही फोन कर उन्हे यह खुशखबरी दी और आशीर्वाद लिया। तब से परिवार में खुशियों का माहौल है। कानूनगो दंपति ने कहा कि उनकी बेटी आज अपने करियर की ऊंचाई में है, इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। हम लोगों ने अपने बच्चों की तरक्की का जो सपना देखा था, आज विजयलक्ष्मी ने उसे पूरा कर दिया।
28 जुलाई  2014 को प्रकाशित 
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भिलाई जैसे छोटे शहरों के युवा ही बाहर 

निकल कर बड़ा नाम करते हैं: छाबड़ा


भिलाई में पहली बढ़ी दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक 

विजयलक्ष्मी छाबड़ा के साथ पत्रकारिता के स्टूडेंट का संवाद



हुडको में संवाद के दौरान पत्रकारिता के विद्यार्थियों के साथ विजयलक्ष्मी छाबड़ा 
सेंट थॉमस कॉलेज रूआबांधा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने दूरदर्शन की पूर्व महानिदेशक (डीजी) विजयलक्ष्मी छाबड़ा के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया। प्राचार्य डॉ एम जी रॉयमन के निर्देशन और विभाग प्रमुख डॉ. अपर्णा घोष के मार्गदर्शन में आमदी नगर हुडको में 24 फरवरी 2020  हुए संवाद कार्यक्रम में श्रीमती छाबड़ा ने स्टूडेंट से जनसंचार के क्षेत्र में संभावनाओं और अपने करियर से जुड़ी चुनौतियों पर बात की।
शुरुआत में विभाग की ओर से अतिथि प्राध्यापक मुहम्मद जाकिर हुसैन ने उनका अभिनंदन करते हुए आयोजन महत्व पर रोशनी डाली और परिचय देते हुए बताया कि श्रीमती छाबड़ा दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक हैं। 
अपनी बात शुरू करते हुए श्रीमती छाबड़ा ने भिलाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि बीएसपी कन्या शाला सेक्टर-5 पढ़ाई के दौरान जब 8 वीं में उन्होंने मध्यप्रदेश में टॉप किया और आगे की पढ़ाई के लिए ह्यूमैनिटीज (कला) विषय चयन किया तो स्कूल की प्राचार्य श्रीमती अब्राहम थोड़ा नाराज थी लेकिन मेरे पिता अपने इरादे पर अडिग थे। 
हालांकि पिता चाहते थे कि मैं आईएएस बनूं लेकिन मुझे बचपन से ही रेडियो के प्रति ज्यादा लगाव था। दिल्ली जाकर मैनें अपनी आगे की पढ़ाई की और भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) से अपना करियर शुरू किया,जिसमें पूरे 35 साल आकाशवाणी-दूरदर्शन को देते हुए दूरदर्शन के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुई। 
जनसंचार की मौजूदा स्थिति पर उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि आज टेलीविजन और रेडियो के साथ-साथ न्यू मीडिया का कार्यक्षेत्र बहुत ज्यादा बढ़ा है। इसके बावजूद दूरदर्शन और आकाशवाणी की आज भी सर्वाधिक घरों तक पहुंच कायम है। उन्होंने बताया कि आज समूचे भारत में 197 मिलियन घरों में टेलीविजन देखा जाता है और देश में टेलीविजन दर्शकों की संख्या 836 मिलियन है।
 वहीं स्मार्ट फोन आने के बाद से अब हॉट स्टार व नेटफ्लिक्स जैसे एप्प आधारित चैनल भी देखे जाने लगे हैं लेकिन इनकी दर्शक संख्या महज 60 मिलियन है। क्योंकि आज भी दूरदराज के अंचल और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर घरों में परिवार सहित बैठ कर टीवी देखने का चलन कायम है। 
उन्होंने अपने कार्यकाल में दूरदर्शन के लिए क्रिकेट प्रसारण के दौरान विज्ञापन स्लॉट के लिए किए गए करार का खास तौर पर जिक्र किया वहीं आमिर खान के शो सत्यमेव जयते का प्रसारण स्टार के साथ-साथ दूरदर्शन पर भी सफलतापूर्वक करवाने से जुड़े रोचक तथ्य भी बताए। 
स्टूडेंट के सवालों का जवाब देते हुए श्रीमती छाबड़ा ने कहा कि 80 के दशक में अपने शहर भिलाई से दिल्ली जाना मेरे लिए कहीं भी बाधा नहीं रहा बल्कि मेरा मानना है कि भिलाई जैसे छोटे शहरों के बच्चे ही बड़े शहर जाकर बड़ा नाम करते हैं।
 उन्होंने कहा कि हम लोगों के दौर में भावना थी कि देश का निर्माण हो रहा है लेकिन आप लोगों के दौर में देश ने काफी तरक्की कर ली है। इसलिए अब आपकी पीढ़ी के सामने चुनौती इसके संविधान सम्मत स्वरूप को बचा कर रखते हुए प्रगति के पथ पर ले जाने की है।
 इस संवाद सत्र का संचालन उत्तरा एस. ने किया और अंत में आभार प्रदर्शन सबा खान ने दिया। संवाद सत्र में चंद्रशेखर साहू, सिल्वी बनर्जी, शुभांग दास, विवेक सहारे, अंकित कुमार, सैम्युएल चिले व निशी सान्याल सहित अन्य स्टूडेंट की सक्रिय भागीदारी रही। इस संवाद कार्यक्रम की रिपोर्ट विभिन्न पोर्टल और अख़बारों  प्रकाशित हुई, जिन्हे आप इन लिंक पर जा कर पढ़ सकते हैं- खबर चालीसा  स्टील सिटी ऑनलाइन  डेली न्यूज़ हिंदी इंडिया न्यूज़ रूम.इन  स्टेट मीडिया सर्विस  क्रन्तिकारी संकेत

                                                                                    24 फरवरी  2020 को  हुए संवाद की रिपोर्ट